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पीईपी: एचआईवी के खतरे से बचाव
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पीईपी: एचआईवी के खतरे से बचाव


हाँ, पोस्ट एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस (पीईपी) एचआईवी से बचाव में मदद कर सकता है यदि किसी को एचआईवी का खतरा हो। पीईपी एक आपातकालीन एंटीरेट्रोवायरल उपचार है जो एचआईवी के संपर्क में आने के बाद संक्रमण को रोकने के लिए उपयोग किया जाता है।

पीईपी कैसे काम करता है?

  1. समय पर शुरू करना: पीईपी सबसे प्रभावी तब होता है जब इसे एचआईवी के संपर्क में आने के 72 घंटों के भीतर शुरू किया जाए। जितनी जल्दी शुरू करेंगे, उतना ही प्रभावी होगा।
  2. दवा का कोर्स: पीईपी में एंटीरेट्रोवायरल दवाओं का कोर्स होता है जो लगभग 28 दिनों तक चलता है। इसे हर दिन नियमित रूप से लेना आवश्यक है।
  3. एचआईवी की रोकथाम: पीईपी एचआईवी वायरस की शरीर में प्रतिकृति को रोकने के लिए काम करता है। यह वायरस को कोशिकाओं में प्रवेश करने और उसे प्रतिलिपि बनाने से रोकता है।

पीईपी किसे लेना चाहिए?

  1. यौन संपर्क: बिना कंडोम के किसी एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने पर।
  2. सुई का उपयोग: संक्रमित सुई या अन्य उपकरणों का उपयोग करने पर।
  3. व्यवसायिक एक्सपोजर: स्वास्थ्य सेवा कार्यकर्ताओं को जो एचआईवी संक्रमित रक्त या शारीरिक तरल पदार्थ के संपर्क में आते हैं।

पीईपी एचआईवी से बचाव का एक आपातकालीन उपाय है, एचआईवी संक्रमण से बचनी के लिए आज ही दिल्ली के पीईपी डॉक्टर (Pep Doctor in Delhi) से संपर्क करे और पीईपी उपचार प्राप्त करें।

पीईपी की प्रक्रिया

  1. एचआईवी जोखिम का आकलन: अगर आपको लगता है कि आप एचआईवी के संपर्क में आए हैं, तो सबसे पहले किसी चिकित्सक या स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करें। वे आपके जोखिम का आकलन करेंगे और यह निर्णय लेंगे कि पीईपी आवश्यक है या नहीं।
  2. दवा का संयोजन: पीईपी आमतौर पर एंटीरेट्रोवायरल दवाओं के एक संयोजन के रूप में दिया जाता है। ये दवाएं एचआईवी को कोशिकाओं में प्रवेश करने और उसकी प्रतिलिपि बनाने से रोकने के लिए डिज़ाइन की गई हैं।
  3. मॉनिटरिंग और फॉलो-अप: पीईपी शुरू करने के बाद, आपको अपने चिकित्सक के पास नियमित फॉलो-अप के लिए जाना होगा। इससे सुनिश्चित होगा कि दवा सही तरीके से काम कर रही है और किसी भी संभावित साइड इफेक्ट्स का प्रबंधन किया जा सके।

पीईपी के संभावित साइड इफेक्ट्स

पीईपी की दवाओं के कुछ सामान्य साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जैसे कि:

  1. मतली और उल्टी: कुछ लोग पीईपी दवाएं लेने के बाद मतली या उल्टी का अनुभव कर सकते हैं।
  2. थकान: दवाओं से थकान महसूस हो सकती है।
  3. डायरिया: पेट में गड़बड़ी और दस्त हो सकते हैं।
  4. सिरदर्द: दवाओं के सेवन से सिरदर्द हो सकता है।

यदि आपको गंभीर साइड इफेक्ट्स का अनुभव हो, तो तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करें।

पीईपी की सीमा

  1. समय सीमा: पीईपी एचआईवी के संपर्क के 72 घंटों के भीतर ही प्रभावी है। 72 घंटों के बाद इसे शुरू करना बेअसर हो सकता है।
  2. कोर्स का पालन: पीईपी की सफलता इस पर निर्भर करती है कि आप 28 दिनों के कोर्स को पूरा करते हैं या नहीं। कोर्स को अधूरा छोड़ना संक्रमण के जोखिम को बढ़ा सकता है।
  3. सभी मामलों में प्रभावी नहीं: पीईपी एचआईवी संक्रमण के जोखिम को कम करता है।

अन्य निवारक उपाय

पीईपी के अलावा, एचआईवी संक्रमण से बचाव के लिए अन्य उपाय भी महत्वपूर्ण हैं:

  1. कंडोम का उपयोग: कंडोम का सही और नियमित उपयोग एचआईवी और अन्य यौन संचारित संक्रमणों (एसटीआई) से बचाव में मदद करता है।
  2. प्री-एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस (PrEP): PrEP एचआईवी संक्रमण के उच्च जोखिम वाले लोगों के लिए एक निवारक उपाय है, जो संक्रमण को रोकने में प्रभावी है।
  3. सुई का सुरक्षित उपयोग: नशीली दवाओं का उपयोग करने वाले लोगों को स्वच्छ और नए सुई और सिरिंज का उपयोग करना चाहिए।
  4. नियमित एचआईवी परीक्षण: नियमित एचआईवी परीक्षण संक्रमण का जल्द पता लगाने और समय पर उपचार शुरू करने में मदद करता है।

पीईपी से संबंधित प्रमुख बिंदु

  1. आपातकालीन उपाय: पीईपी केवल आपातकालीन स्थिति में उपयोग किया जाना चाहिए और इसे नियमित निवारक उपायों के विकल्प के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
  2. सही समय पर: पीईपी का उपयोग एचआईवी के संपर्क के 72 घंटों के भीतर शुरू होना चाहिए, जितनी जल्दी उतना बेहतर।
  3. पूर्ण कोर्स: 28 दिनों के कोर्स को पूरा करना आवश्यक है, और इसे किसी भी हाल में अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए।

पीईपी के बारे में और जानकारी के लिए डॉ रैना सेफ हैंड्स में विजिट करे या संपर्क करे । दिल्ली का सर्वोत्तम पीईपी उपचार (Pep Treatment in Delhi) यहाँ प्रदान किया जाता है,  अभी संपर्क करे ।